Friday, May 11, 2018

हिमाचल के इस मंदिर में आज तक कोई नहीं बना पाया छत

हिमाचल के इस मंदिर में आज तक कोई नहीं बना पाया छत

हिमाचल के इस मंदिर में आज तक कोई नहीं बना पाया छत: देव भूमि हिमाचल में आध्यात्मिक और पौराणिक स्थलों की कोई कमी नहीं है। यहां एक ऐसा मंदिर है जो कि बिना छत का बना हुआ है। इस मंदिर को शिकारी देवी मंदिर के नाम से जाना जाता है। इस मंदिर में देवी की मूर्ति की स्थापना खुले आकाश के नीचे की गई है यानि यह मंदिर बगैर छत का बना हुआ है. 

यहा के लोगो के अनुसार इस मंदिर में अनेको बार छत लगाने का प्रयास किया गया परन्तु माता की शक्ति के प्रभाव से इस मंदिर के छत का निर्माण कभी नही हुआ.हर बार छत के निर्माण को लेकर कई बाधाए आई परन्तु मंदिर के छत के निर्माण का कार्य कभी पूरा नही हो सका.

 मान्यता है की पांडवो द्वारा माता के मंदिर का निर्माण बगैर छत के ही हुआ था तथा उन्होंने मंदिर में माता की मूर्ति खुले स्थान में स्थापित की थी जिस कारण माता अब खुले आसमान के नीचे रहना ही पसंद करती है. शिकारी माता का यह मंदिर चौहार घाटी में एक उच्चे शिखर पर 2850 मीटर की उचाई में स्थित है।

स्थानीय निवासियों के अनुसार प्राचीनकाल में ऋषि मार्कण्डेय इस स्थान पर दुर्गा मां की कठिन तपस्या कर मां को प्रसन्न किया और उनकी तप से संतुष्ट होकर मां ने शक्ति के रूप में उन्हें अपना दर्शन दिया और फिर मां इसी स्थान पर स्थापित हो गई।

 इसके कुछ समय बाद अज्ञातवास के दौरान पांडवगण यहां आए थे और उन्होंने यहां मां की तपस्या की, उनकी आराधना से खुश होकर देवी ने महाभारत के युद्ध में कौरवों से विजयी होने का आशीर्वाद दिया। 

हां से जाते वक्त पांडवो ने इस मंदिर का निर्माण किया लेकिन बगैर छत के क्यों किया इसके बारे में कोई नहीं बता सकता। हैरान कर देने वाली बात तो ये है कि सर्दी के मौसम में चाहे जितनी भी बर्फबारी हो लेकिन मंदिर में कभी भी बर्फ नहीं टिकती।

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