दो माह में दो बेटे खोने वाले शहीद अजय के माता-पिता अब खुद को अकेला महसूस नहीं करेंगे। श्रीनगर में अजय कौंडल की शहादत के 12वें दिन आर्मी इंटेलिजेंस से सेवानिवृत्त मेजर दीपक धवन ने उनकी ताउम्र देखरेख की पूरी जिम्मेदारी ले ली है।
उन्होंने शहीद के बुजुर्ग अभिभावकों को अपने माता-पिता का दर्जा दिया है।
रामकुंडी निवासी मेजर धवन वर्तमान में सैनिक कल्याण बोर्ड में बतौर उप निदेशक सेवाएं दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि अजय ने अपने माता-पिता के लिए जो सपने देखे थे, उन्हें अब वह पूरा करेंगे। बता दें कि करीब सवा दो माह पहले अजय के छोटे भाई की बीमारी से मौत हो गई थी, जबकि 24 अप्रैल को श्रीनगर में आतंकियों से लोहा लेते हुए अजय ने शहादत पाई थी। दोनों भाई अविवाहित होने के चलते शहीद के माता-पिता अकेले हो गए थे।
हिमाचल के सिरमौर जिले के राष्ट्रीय राइफल के जवान अजय कुमार की शहादत के बाद उनकी बुजुर्ग माता कमला देवी और पिता सुरेश कौंडल पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा था। उनकी देखरेख करने वाला कोई नहीं था। शनिवार को जब शहीद के माता-पिता सैनिक कल्याण बोर्ड के कार्यालय पहुंचे तो दीपक धवन ने उनका बेटा बनने का एलान करते हुए उनकी जिम्मेदारी ले ली। यह सुनकर कमला देवी मेजर से लिपट कर रोने लगीं।
मेजर दीपक आर्मी इंटेलिजेंस में 21 साल तक सेवाएं देने के बाद सेवानिवृत्त हुए हैं। इसके बाद उन्होंने पब्लिक सर्विस कमीशन की परीक्षा में टॉप किया और सैनिक कल्याण बोर्ड में उप निदेशक नियुक्त हुए। वर्तमान में वह सिरमौर और सोलन का जिम्मा देख रहे हैं। मेजर धवन का कहना है कि वह ताउम्र शहीद के माता-पिता की सेवा करेंगे। उनके घर में जो जरूरत होगी, उसे वह पूरा करेंगे।
वह हर सुख-दुख में उनका साथ ठीक वैसे ही देंगे, जैसे अजय दिया करते थे।
वह एक बेटे की तरह शहीद के माता-पिता के प्रति अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करेंगे। वह उनके घर आते-जाते रहेंगे। शहीद के माता-पिता भी उनके घर आ सकते हैं। उनका हर कार्य उनके घर पर ही होगा। उन्हें मेरे कार्यालय में आने की आवश्यकता नहीं है। तमाम कार्य वह स्वयं करेंगे। मेजर ने बताया कि हाल ही में शहीद के गांव में पानी की दिक्कत थी, जिसको लेकर उन्होंने स्थानीय विधायक सुरेश कश्यप से बात की और समस्या का समाधान करवाया।
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